एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज कोटद्वार रीना नेगी की अदालत ने नाम बदलकर युवती को शादी का झांसा देने और दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कैद और बीस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
साथ ही जुर्माना अदा न करने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास भी भोगना होगा। अदालत ने दोषी को लज्जाभंग और धोखाधड़ी में भी दोष सिद्ध करार देते हुए पांच और दो साल के सश्रम कैद की सजा सुनाई है। पीड़ित युवती की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी युवक असलम के खिलाफ नाम बदलकर शादी का झांसा देने, दुष्कर्म करने और अश्लील वीडियो बनाने का मामला पंजीकृत किया था। जिसमें पीड़िता ने बताया था कि वह कोटद्वार के निकट पहाड़ के एक गांव की निवासी है और एक इंस्टीट्यूट में पढ़ती है। उसकी असलम उर्फ विनोद बिष्ट से दो साल पहले फेसबुक के जरिये दोस्ती हुई। जिसमें अभियुक्त ने अपना नाम विनोद बिष्ट बताया था। यह भी कहा था कि वह शिक्षा अधिकारी है और जल्द ही सीईओ पद पर प्रोन्नत हो जाएगा। वह उससे शादी करना चाहता है। अभियोजन पक्ष के अनुसार कोटद्वार कोतवाली क्षेत्र का यह मामला 28 अप्रैल, 2019 का है। कोतवाली पुलिस को खबर मिली थी कि कोई मुस्लिम लड़का खुद को हिंदू बताकर कोटद्वार लाया है। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें कोटद्वार के स्टेशन रोड स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया था। पीड़िता ने बताया कि वह उसे विनोद विष्ट के नाम से ही जानती है और तभी बात भी करती थी। घटना के दिन पुलिस की जांच के बाद ही उसकी वास्तविकता सामने आई। पुलिस ने मामले की जांच के बाद अभियुक्त के खिलाफ आरोपपत्र एसीजेएम कोर्ट कोटद्वार में दाखिल किया। जहां से यह केस सत्र विचारण के लिए डीजे कोर्ट पौड़ी के सुपुर्द किया गया। डीजे कोर्ट ने यह केस विचारण के लिए एडीजे कोर्ट कोटद्वार हस्तांतरित कर दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में 9 गवाह पेश किए गए। पत्रावलियों पर उपलब्ध साक्ष्य एवं गवाहों के बयान के बाद एडीजे कोर्ट ने अभियुक्त 47 को दुष्कर्म, लल्जा भंग और धोखाधड़ी के आरोप में दोष सिद्ध करार दिया। जिसके बाद अदालत ने दुष्कर्म के आरोप में अभियुक्त को जहां 20 साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है।