उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों की बंजर भूमि अब आत्मनिर्भरता और सामूहिक प्रगति की मिसाल बनेगी। आज पाबौ क्षेत्र में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वीर माधो सिंह भंडारी सामूहिक सहकारी खेती योजना का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर मंत्री ने किसानों के साथ खेतों में उतरकर फूलों के बीज रोपण कर साझा खेती की इस महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर आकार दिया।
विकासखंड पाबौ के चोपड़ा गांव में करीब 170 नाली भूमि पर विकसित की जा रही यह परियोजना, उत्तराखंड के बंजर खेतों को आबाद करने का आदर्श मॉडल बनकर उभर रही है। यहां मिलेट्स (मोटे अनाज) और फूलों की खेती की जाएगी, जिससे न केवल भूमि का पुनर्जीवन होगा, बल्कि स्थानीय किसानों को आय का नया जरिया भी मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत किसानों को एक क्लस्टर मॉडल में संगठित कर सामूहिक खेती की जा रही है।
खेतों में बीज रोपण करते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि वीर माधो सिंह भंडारी सहकारी खेती उत्तराखंड के ग्रामीण अंचलों में बंजर भूमि के सदुपयोग, पारंपरिक खेती के आधुनिकीकरण, लागत में कमी और किसानों की आय में वृद्धि की दिशा में एक निर्णायक पहल है।
यह योजना उत्तराखंड के सहकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही बंजर खेतों को आबाद करने की विशेष मुहिम का हिस्सा है। इसमें ग्रामीणों से बंजर भूमि को क्लस्टर के रूप में लेकर उस पर आधुनिक कृषि तकनीकों के माध्यम से खेती करायी जाती है। सामूहिकता और नवाचार का यह संगम राज्य के कृषि परिदृश्य को नया आकार देने में सक्षम है।
मंत्री ने स्थानीय किसानों के साथ बातचीत कर उनकी समस्याओं को भी समझा और कहा कि भविष्य में योजनाएं और भी अधिक व्यावहारिक एवं उपयोगी बनायी जा सकें।
इस अवसर पर जिला सहायक निबंधक सहकारिता पान सिंह राणा, सहकारी बैंक महाप्रबंधक संदीप रावत सहित अन्य उपस्थित रहे।