कोटद्वार नगर के खूनीबड़ में मंदिर की जमीन पर कब्जे को लेकर प्रॉपर्टी डीलर और ग्रामीणों के बीच विवाद का मामला प्रकाश में आया है। मामले में पीड़ित-पक्ष की महिला की ओर से पुलिस में तहरीर दी गई। जिसके आधार पर दो नाम जद प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ एससी, एसटी (अत्याचार निरोधक) अधिनियम और बीएनएस की संबंधित धाराओं में नामजद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
खुनीबड़ में हुए विवाद की वीडियो भी वायरल हुई है। पुलिस ने शुक्रवार को दोनों पक्षों को कोतवाली बुलाया। जहां दोनों पक्षों के बीच काफी नोकझोंक हुई। खूनीबड़ में मंदिर की जमीन पर कब्जे को लेकर प्रॉपर्टी डीलर और ग्रामीणों के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद ग्रामीणों ने कोतवाली पहुंचकर तहरीर दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शुक्रवार को दोनों पक्षों को कोतवाली बुलाया गया।
इस दौरान ग्रामीणों का कहना था कि खूनीबड़ में संत शिरोमणि गुरु रविदास मंदिर में डॉ. भीमराव आंबेडकर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के छायाचित्र के झंडे भूमाफिया ने हटवा दिए। आरोप है कि इस पर संगठन की अध्यक्ष बबीता देवी और अनुज कुमार मौके पर पहुंचे और उनसे मंदिर के झंडों को ध्वस्त करने का कारण पूछा तो प्रॉपर्टी डीलर और उनके साथ आए लोगों ने जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर गाली गलौज करते हुए उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी भी दी. आरोपियों ने बबीता देवी का हाथ पकड़कर मोड़ भी दिया। शुक्रवार को पुलिस ने दोनों पक्षों को कोतवाली बुलाया और उनसे घटनाक्रम की जानकारी ली, लेकिन दोनों पक्ष यहां भी पुनः आपस में झगड़ने लगे। प्रॉपर्टी डीलर व उनके समर्थन में आए लोगों का कहना था कि उन्होंने फैक्ट्री मालिक से जमीन खरीदी है। मेन सड़क व फैक्ट्री के बीच सरकारी भूमि है, जिससे वह आवाजाही करते हैं। मामले में कोर्ट में मुकदमा भी चला और कोर्ट ने फैसला उनके पक्ष में सुनाया है।
इस मामले में कोतवाल रमेश तनवार ने बताया कि मामले में बबीता देवी की तहरीर के आधार पर प्रॉपर्टी डीलर बीरेंद्र रावत उर्फ टोनी व मदन सिंह गुसाईं के खिलाफ एससी, एसटी (अत्याचार निरोधक) अधिनियम और बीएनएस की संबंधित धाराओं में नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।