महान विभूतियों की जयंती पर विकास भवन में हुई विचार गोष्ठी, अधिकारियों ने रखे अपने–अपने विचार

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर विकास भवन सभागार में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया और दोनों महान विभूतियों के जीवन मूल्यों से प्रेरणा ग्रहण की।

गोष्ठी के दौरान अधिकारियों ने गांधी जी और शास्त्री जी के जीवन से जुड़े संस्मरण सुनाए तथा उनके संघर्षों और आदर्शों पर विस्तार से प्रकाश डाला। अधिकारियों ने कहा कि महात्मा गांधी ने अपने जीवन से यह संदेश दिया कि अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध भी अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलकर जीत हासिल की जा सकती है। उनका जीवन त्याग, सादगी और करुणा का अनुपम उदाहरण है, जिसे आज की पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक के रूप में अपनाया जाना चाहिए।

प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत ने कहा कि गांधी जी के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने स्वतंत्रता संग्राम के समय थे। उन्होंने कहा कि आज जब समाज अनेक चुनौतियों से गुजर रहा है, तब गांधी जी का स्वदेशी, सत्यनिष्ठा, आत्मनिर्भरता, स्वच्छता, सादगी और अहिंसा का मार्ग समाज को एक नई दिशा दे सकता है। गांधी जी के सिद्धांतों को हम अपने घर से शुरू कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश को आत्मनिर्भरता और अनुशासन की राह दिखायी। उनका दिया हुआ जय जवान, जय किसान का नारा आज भी प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करता है। उनकी ईमानदारी, सादगी और दृढ़ निश्चय से हर व्यक्ति यह सीख सकता है कि बड़े लक्ष्य भी सरल जीवन जीकर हासिल किए जा सकते हैं।

पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय ने कहा कि शास्त्री जी ने अपने आचरण से यह साबित किया कि कर्मठता और निष्ठा से कार्य कर समाज और देश की दिशा बदली जा सकती है। वहीं गांधी जी का जीवन यह प्रेरणा देता है कि स्वच्छता, सत्य और करुणा के मार्ग पर चलकर हम अपने जीवन और समाज को बेहतर बना सकते हैं।

गोष्ठी में अधिकारियों ने गांधी जी और शास्त्री जी के जीवन से जुड़ी कई छोटी–छोटी प्रेरणादायी घटनाएँ भी साझा की। समापन के अवसर पर यह आह्वान किया गया कि सभी अधिकारी, कर्मचारी और नागरिक अपने-अपने स्तर पर गांधी जी और शास्त्री जी के विचारों को आत्मसात करें और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, अर्थ एवं संख्याधिकारी राम सलोने, जिला समाज कल्याण अधिकारी रोहित सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र थपलियाल, जिला परियोजना प्रबंधक ग्रामोत्थान कुलदीप बिष्ट, एडीपीआरओ प्रदीप सुंदरियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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