मण्डल मुख्यालय पौड़ी में आहूत प्रेस वार्ता में आयुक्त और आईजी गढ़वाल ने दी आपदा प्रबंधन की जानकारी, प्रभावितों को त्वरित राहत

*आपदा से निपटने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास, मुख्यमंत्री कर रहे सतत समीक्षा*

 

*गढ़वाल मंडल में आपदा प्रबंधन सख्ती से लागू, यात्रियों को एडवाइजरी का पालन करने की अपील*

 

*गढ़वाल मंडल में आपदा राहत कार्य तेज, चारधाम यात्रा 5 सितंबर तक स्थगित*

 

लगातार हो रही भारी वर्षा से उत्पन्न आपदा की स्थिति को लेकर आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय ने आज मीडिया से बातचीत में विस्तृत जानकारी दी। मण्डल मुख्यालय पौड़ी स्थिति आयुक्त कार्यालय वीसी कक्ष में आहूत प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे बारिश का दबाव कम होगा, आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों को उनकी पूर्व स्थिति में लाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में आपदा प्रभावित सभी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं विशेषकर पेयजल, सड़क और विद्युत की वैकल्पिक व्यवस्थाएं युद्ध स्तर पर जारी है।

 

आयुक्त ने बताया कि मानसून की भारी बारिश के चलते आगामी 5 सितंबर 2025 तक चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। यात्रियों से अपील की गयी है कि वे शासन और प्रशासन द्वारा जारी एडवाइजरी का पूर्णतः पालन करें।

 

उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी, पौड़ी और चमोली सहित कई जनपदों में आपदा से जानमाल की क्षति हुई है। इस पर मुख्यमंत्री जी स्वयं राहत एवं पुनर्वास कार्यों की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं। आपदा से क्षतिग्रस्त आवासीय भवनों के स्वामियों को मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप पाँच लाख रुपये की एकमुश्त त्वरित सहायता उपलब्ध करायी गयी है।

 

उन्होंने कहा कि आपदा के कारण जिन गाँवों पर खतरे की आशंका उत्पन्न हो गयी है, उनका सुरक्षित विस्थापन मुख्यमंत्री जी की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। धराली की घटना के बाद मौसम सुधरते ही नदियों और नालों के कैचमेंट क्षेत्रों में अतिक्रमण की पहचान हेतु व्यापक सर्वे शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। टिहरी जिले के मुनि की रेती क्षेत्र में ऐसे चौबीस अतिक्रमणों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से अठारह को सील भी किया जा चुका है।

 

आयुक्त गढ़वाल ने स्पष्ट किया कि शासन-प्रशासन आपदा से होने वाली छोटी से छोटी जनहानि और क्षति का गंभीरता से संज्ञान ले रहा है और प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कल वह स्वयं पौड़ी जनपद के थलीसैंण क्षेत्र स्थित आपदा प्रभावित गाँव सैंजी का भ्रमण करेंगे और वहाँ की स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन करेंगे। इस दौरान उन्होंने पौड़ी जिले में हुई जानमाल की क्षति की जानकारी भी साझा की। आपदा के कारण पौड़ी जनपद में से हुई जानमाल की क्षति की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि आपदा मोचन निधि की विभिन्न मदों से प्रभावितों को 2 करोड़ 52 लाख 89 हजार रुपये की राहत राशि वितरित की गयी है।

 

इस दौरान आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने भी मंडलीय स्तर पर पुलिस विभाग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आपदा की विकट परिस्थितियों में पुलिस बल ने राहत और बचाव कार्यों को तत्काल गति प्रदान की है। पुलिस विभाग के आला मंडलीय अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है।

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