रिवर्स पलायन का सफल मॉडल: एकेश्वर के दो भाइयों ने स्वरोजगार की मिसाल पेश की

रिवर्स पलायन को सकारात्मक दिशा देते हुए विकासखंड एकेश्वर के दो युवाओं ने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भरता की प्रेरणादायक मिसाल पेश की है। दलीबों गांव निवासी पंकज रावत और महेंद्र रावत, जो पहले नोएडा और देहरादून में निजी नौकरियों में कार्यरत थे, अब कीवी और सेब उत्पादन के जरिए न केवल स्वरोजगार प्राप्त कर रहे हैं बल्कि क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी प्रेरित कर रहे हैं।

 

कोविड-19 लॉकडाउन से पूर्व दोनों भाई गांव लौट आए थे। प्रारंभिक असफलताओं के बाद उन्होंने वर्ष 2023 में ‘एप्पल मिशन’ और ‘कीवी मिशन’ के तहत बागवानी शुरू की। दोनों ने इन योजनाओं में कुल छह लाख रुपये का निवेश किया, जिसमें से उन्हें चार लाख अस्सी हजार रुपये का अनुदान सरकार से प्राप्त हुआ।

 

इस अनुदान से उन्होंने सेब के 250 और कीवी के 35 पौधे रोपे। पूर्व में लगाए गए 40 कीवी पौधों पर भी अब फल आने लगे हैं। महेंद्र रावत ने बताया कि इस वर्ष सेब के पौधों में भी फल आ चुके हैं और दोनों फसलों से अच्छी आमदनी की उम्मीद है।

 

इनकी बागवानी परियोजना को जलागम विभाग और मनरेगा योजना का भी सहयोग मिला है। जलागम परियोजना के अंतर्गत सिंचाई हेतु सोलर पंप की सुविधा दी गयी, जबकि मनरेगा के माध्यम से भूमि समतलीकरण और पेयजल टैंक निर्माण के लिए एक-एक लाख रुपये की सहायता प्रदान की गयी। कृषि विभाग ने बाग को जानवरों से सुरक्षित रखने हेतु घेरबाड़ में मदद की।

 

विकासखंड अधिकारी श्री नरेश चंद्र सुयाल ने बताया कि महेंद्र और पंकज जैसे युवाओं की यह पहल न केवल रिवर्स पलायन को सकारात्मक रूप दे रही है, बल्कि सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का भी प्रमाण है।

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