डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल की जयंती पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन। मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ

कोटद्वार। भारत के हिंदी के प्रथम डी.लिट. की उपाधि प्राप्त विद्वान डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल की 124वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कोटद्वार की प्रथम महिला महापौर हेमलता नेगी और पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों द्वारा विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रो. सुमित्रा कुकरेती को गोदावरी देवी प्रसाद कोठारी स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। अपने संबोधन में पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल के योगदान को याद करते हुए कहा, “डॉ. बड़थ्वाल उत्तराखंड की उस महान सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर का प्रतीक हैं, जिस पर हम सभी को गर्व है। वह न केवल हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए जाने जाते हैं, बल्कि उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से उत्तराखंड का नाम पूरे देश में रोशन किया। उनकी विद्वता और हिंदी भाषा के प्रति समर्पण हमें प्रेरित करता है कि हम अपनी मातृभाषा और सांस्कृतिक पहचान को सहेजें और आगे बढ़ाएं।”

उन्होंने आगे कहा, “डॉ. बड़थ्वाल जैसे महान व्यक्तित्व ने यह साबित किया कि हमारे उत्तराखंड की धरती ज्ञान और संस्कृति की ऊर्जा से परिपूर्ण है। साहित्य, संस्कृति, और शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अमर है, और हम सभी को गर्व है कि वह हमारे राज्य से जुड़े हुए हैं।”

महापौर हेमलता नेगी ने कहा कि डॉ. बड़थ्वाल की उपलब्धियां हमें हिंदी भाषा और साहित्य के महत्व को समझने और इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने आयोजनकर्ताओं को इस सार्थक कार्यक्रम के लिए बधाई दी। इस अवसर पर साहित्य, शिक्षा, और समाजसेवा से जुड़े कई प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन डॉ. बड़थ्वाल के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए किया गया।

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